NEW STEP BY STEP MAP FOR APSARA SADHNA

New Step by Step Map For apsara sadhna

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An Apsara Sadhana can be achieved for the purpose of manifestation. You could manifest your coronary heart’s motivation with the help of this Sadhana; even so, you must be loyal, devoted and determined to the whole Sadhana.

मनोविकार: अप्सरा साधना के अधिक प्रयास से, मनोविकार जैसे कि उत्सुकता, मानसिक विकार, और अधिक समय की अनियामितता भी हो सकती है।

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आत्म-ज्ञान एवं आत्म-सम्मोहन: अप्सरा साधना के माध्यम से साधक अपनी आत्मा को अधिक समझता है और आत्म-सम्मोहन का अनुभव करता है। यह साधना उसे आत्म-प्रेम और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में ले जाती है।

ध्यान और मंत्र साधना: अप्सरा साधना में ध्यान और मंत्र साधना का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। साधक को ध्यान और मंत्र जाप के माध्यम से अप्सरा देवियों के संग संवाद करने का अभ्यास करना चाहिए।

ये सभी गुण अप्सराओं को अत्यंत प्रिय और मनोहारी बनाते हैं, जो कि हिन्दू मिथकों में अप्सराओं के स्वरूप का विवरण करते हैं।

आत्म-समर्पण और सेवा: अप्सरा साधना में साधकों को आत्म-समर्पण और सेवा की भावना से प्रेरित किया जाता है। इसके माध्यम से साधक अप्सरा देवियों के संग संवाद करते हैं और उनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। सेवा के माध्यम से साधक अप्सरा देवियों की भक्ति का अनुभव करते हैं और उनके संग संवाद करने का अवसर प्राप्त करते हैं।

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आत्म-विकास और स्थिरता: अप्सरा साधना साधक को आत्म-विकास और स्थिरता की ओर ले जाती है। यह साधना उसे आत्मिक शक्ति और शांति का अनुभव कराती है जो कि उसकी जीवन में सुख और समृद्धि लाती है।

आप पालथी मारकर बैठ सकते हैं और मेरुदंड को सीधा रख सकते हैं।

Practitioners typically find that their intimate associations improve because they develop into more magnetic and appealing. This can cause further connections with companions.

शुद्ध और निष्काम भावना: साधक को शुद्ध और निष्काम भावना से साधना करनी चाहिए। उसे किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या लोभनीयता से दूर रहना चाहिए।

आनंद और भोग: अप्सरा साधना साधक को आनंद और भोग का अनुभव कराती है। यह साधना उसे जीवन की सुख सम्पत्ति के साथ-साथ आत्मा की ऊर्जा और आनंद की अद्वितीयता का अनुभव कराती है।

चारित्र: अप्सराएं प्रेम, सौंदर्य, और आकर्षण के प्रतीक के साथ-साथ धर्म, शांति, more info और सेवा के भाव का प्रतीक भी होती हैं। उन्हें प्रेम की देवी के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है।

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